Monday, October 25, 2010

प्रणाम


इन्ही जर्रों से होंगे कल कुछ नए कारवां पैदा, जो जर्रे आज उड़ते हैं गुबारे कारवां होकर !!

6 comments:

  1. अच्छी बातें पढ़ने के लिए ही लिखी जाती हैं|

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  2. Thanks Shweta from PANKH and Patali !!!!!!

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  3. ....
    प्रतीक्षारत........

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  4. रविन्द्र जी, सुरेन्द्र जी धन्यवाद ! सुरेन्द्र जी मई अच्छा लिखने का पूरा प्रयास करूँगा !! सुझाव के लिए धन्यवाद !!

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  5. इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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